Ultra Luxury Housing Segment: पिछले कुछ समय में रियल एस्‍टेट सेक्‍टर में लगातार बूम देखा जा रहा है. कोरोना महामारी के बाद से शुरू हुआ लग्‍जरी घरों की बिक्री का ट्रेंड लगातार उपर की ओर जा रहा है. बीते दो सप्‍ताह में आईं कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो अब एक करोड़ रुपये के आसपास की कीमतों वाले फ्लैटों की बिक्री तो बढ़ी ही है, छह करोड़ से अधिक के फ्लैटों की यूनिट्स में भी भारी उछाल आया है. अब सवाल उठता है कि इतने महंगे फ्लैट आखिर खरीद कौन रहा है. क्‍या देश में अमीरों की संख्‍या तेजी से बढ़ रही है? 

1 करोड़ रुपये की कीमत के फ्लैटों की बढ़ी बिक्री 

इस रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि एनसीआर के कई शहर जैसे नोएडा-ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और गुड़गांव में प्रॉपर्टी की कीमत अभी भी अन्य मुख्य शहरों से कम है इस कारण यह हुई बिक्री ने बेंगलुरू और मुंबई जैसे शहरों को भी पीछे छोड़ दिया है। 

अल्‍ट्रा लग्‍जरी घरों की बिक्री में दिल्‍ली एनसीआर सबसे आगे

भारत में अल्‍ट्रा लग्जरी हाउसिंग सेगमेंट ने इस वर्ष की पहली छमाही में बिक्री में 85 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की है, पिछले साल की तुलना में यह वृद्धी हुई है. रियल एस्टेट कंसल्टिंग फर्म सीबीआरई साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड और शीर्ष व्यावसायिक चैंबर एसोचैम की रिपोर्ट के अनुसार, देश के टॉप सात शहरों में लगभग 7,000 यूनिट बिकीं. जनवरी-जून की अवधि के दौरान, दिल्ली-एनसीआर 4,000 लग्जरी यूनिट के साथ बिक्री में सबसे आगे रहा है. पिछले साल से तुलना की जाए तो नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुड़गांव और दिल्‍ली ने पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में तीन गुना वृद्धि दर्ज की है. 

इस वजह से बढ़े प्रॉपर्टी के दाम

रिपोर्ट के अनुसार लग्जरी फ्लैटों की कीमत छह करोड़ या उससे अधिक है. ऐसे में समझा जा सकता है कि दिल्‍ली एनसीआर में अब अल्‍ट्रा लग्‍जरी घरों की डिमांड बढ़ रही है.क्रेडाई वेस्‍टर्न यूपी के अध्‍यक्ष दिनेश गुप्‍ता कहते हैं कि दलअसल पिछले कुछ समय में इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर का तेजी से विकास हुआ है जिसके चलते प्रापर्टी की कीमतें बढ़ी हैं और प्रापर्टी इन्‍वेस्‍टमेंट का सबसे अच्‍छा साधन बन गया है. खरीदार भी इस ट्रेंड को समझ रहे हैं और रहने के लिए अल्‍ट्रा लग्‍जरी घरों को खरीद रहे हैं क्‍योंकि इससे न सिर्फ लोगों का लिविंग स्‍टैंडर्ड बढ़ रहा है बल्कि रिटर्न भी अच्‍छा मिल रहा है.

क्‍यों हो रहा है मांग में इजाफा

आरजी ग्रुप के डायरेक्‍टर हिमाशु गर्ग के अनुसार अगर देखा जाए तो दिल्‍ली एनसीआर के ज्‍यादातर इलाकों खासतौर पर नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रॉपर्टी की कीमतें अभी भी अन्‍य शहरों की तुलना में कम है. ऐसे में यहां कम कीमत पर लोगों को बेहतर घर मिल पा रहा है. इसके साथ प्रॉपर्टी का रिटर्न भी  मिल रहा है तो लोग लग्‍जरी घर खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं. वहीं, निराला वर्ल्‍ड के सीएमडी सुरेश गर्ग ने बताया कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में पिछले दो साल में लग्‍जरी और अल्‍ट्रा लग्‍जरी का चलन तेजी से बढ़ा है क्‍योंकि यहां अभी भी रेडी टू मूव फ्लैट्स की कीमतें औसतन 8 से 16 हजार रुपये वर्गफीट की दर से मिल रहे हैं. जबकि मुंबई, बेंगलुरु समेत देश के अन्‍य शहरों में ये कीमतें इनसे दो गुना तक हैं। यही कारण है कि मांग लगातार बढ़ रही है.

पॉलिसी में बदलाव से बढ़ रहा विश्‍वास 

डिलिजेंट बिल्डर्स के सीओओ ले.कर्नल (रि) अश्वनी नागपाल के अनुसार जिस तरह से पिछले कुछ समय में सरकार की नीतियां बेहतर हुई हैं, उनका सीधा लाभ रियल एस्‍टेट सेक्‍टर को मिल रहा है. को-डेवलपर पॉलिसी के चलते पुराने अटके प्रोजेक्‍ट्स फिर से बनने लगे हैं. इसके चलते बायर्स का विश्‍वास सेक्‍टर पर बढ़ा है. ऐसे में नए के साथ-साथ पुराने प्रोजेक्‍टस में भी लोग इन्‍वेस्‍ट कर रहे हैं.

रेनॉक्‍स ग्रुप क चेयरमैन शैलेंद्र शर्मा के अनुसार स्‍वामिह फंड के अलावा कई अन्य मॉडल से नोएडा- ग्रेटर नोएडा में ही एक दर्जन से ज्‍यादा अटके हुए प्रोजेक्‍ट्स को रिवाइव किया गया है तथा नया प्रोजेक्ट भी लाया गया है ऐसे में लोग न सिर्फ रिवाइव प्रोजेक्‍ट्स बल्कि नए प्रोजेक्‍ट्स भी निवेश बढ़ रहा हैं. लोगों का सबसे ज्‍यादा रुझान अल्‍ट्रा लग्‍जरी फ्लैटों की ओर है क्‍योंकि लोग अपने लिविंग स्‍टैंडर्ड को बेहतर बनाना चाहते हैं.