नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट में बताया गया कि 2025 की पहली छमाही में 1.7 लाख यूनिटस बेची गई है. इनमें से लगभग 50 फीसदी यूनिटस 1 करोड़ रुपये या इससे ज़्यादा की कीमत की थीं. बचे हुए 50 फीसदी फ्लैटों की कीमत भी 80 लाख से 1 करोड़ के बीच थी. अब दिल्ली एनसीआर के बारे में जान लीजिए. यहां का आंकड़ा 81 फीसदी था. यानी यहां जितनी यूनिट्स बिकीं उनमे से 81 फीसदी 1 करोड़ से ज़्यादा क़ीमत की थीं.
पिछले सप्ताह आई नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट में बताया गया कि 2025 की पहली छमाही में 1.7 लाख यूनिटस बेची गई है. इनमें से लगभग 50% यूनिटस 1 करोड़ रुपये या इससे ज़्यादा की कीमत की थीं. बचे हुए 50 फीसदी फ्लैटों की कीमत भी 80 लाख से 1 करोड़ के बीच थी. अब दिल्ली एनसीआर के बारे में जान लीजिए. यहां का आंकड़ा 81% था. यानी यहां जितनी यूनिट्स बिकीं उनमे से 81% 1 करोड़ से ज़्यादा क़ीमत की थीं. इस आंकड़े से साफ़ हो जाता है कि घर खरीदारों का एक बड़ा वर्ग अफोर्डेबल से शिफ्ट होकर लग्जरी घर ख़रीद रहा है. रिपोर्ट के अनुसार एनसीआर में बेचे गए सिर्फ 1800 यूनिटस 50 लाख से 1 करोड़ के बीच के थे.रिपोर्ट इशारा करती है कि एनसीआर के कई शहर जैसे नोएडा-ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और गुड़गाँव में प्रॉपर्टी की कीमत अभी भी देशबके अन्य शहरों की तुलना में कम हैं. यही कारण है कि बिक्री ने बेंगलुरू और मुंबई जैसे शहरों को भी पीछे छोड़ दिया है.
भारत में अल्ट्रा लग्जरी हाउसिंग सेगमेंट ने भी इस साल की पहली छमाही में बिक्री में 85 प्रतिशत की तेजी दर्ज की है. पिछले साल की पहली छमाही से तुलना में ये बढ़ोतरी सामने आई है. सीबीआरई साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड और एसोचैम की रिपोर्ट के अनुसार, देश के टॉप सात शहरों में लगभग 7,000 यूनिट बेची गईं. जनवरी से लेकर जून तक, दिल्ली-एनसीआर में 4,000 लग्जरी यूनिट की बिक्री हुई जो सभी शेरों से ज़्यादा है. पिछले साल के पहले छह माह से से तुलना की जाए तो नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुड़गांव और दिल्ली ने तीन गुना वृद्धि दर्ज की है. रिपोर्ट के अनुसार इन फ्लैटों की कीमत छह करोड़ या उससे ज़्यादा है. साफ़ है कि दिल्ली एनसीआर में अब अल्ट्रा लग्जरी घरों की डिमांड लगातार बढ़ रही है.
क्रेडाई वेस्टर्न यूपी के अध्यक्ष दिनेश गुप्ता कहते हैं कि दलअसल पिछले कुछ समय में इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास हुइा है जिसके चलते प्रापर्टी की कीमतें बढ़ी हैं और प्रापर्टी इन्वेस्टमेंट का सबसे अच्छा साधन बन गया है. खरीदार भी इस ट्रेंड को समझ रहे हैं और रहने के लिए अल्ट्रा लग्जरी घरों को खरीद रहे हैं क्योंकि इससे न सिर्फ लोगों का लिविंग स्टैंडर्ड बढ़ रहा है बल्कि रिटर्न भी अच्छा मिल रहा है.
आरजी ग्रुप के डायरेक्टर हिमाशु गर्ग के अनुसार अगर देखा जाए तो दिल्ली एनसीआर के ज्यादातर इलाकों खासतौर पर नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रॉपर्टी की कीमतें अभी भी अन्य शहरों की तुलना में कम है. ऐसे में यहां कम कीमत पर लोगों को बेहतर घर मिल पा रहा है. इसके साथ प्रॉपर्टी का रिटर्न भी मिल रहा है तो लोग लग्जरी घर खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं. वहीं, निराला वर्ल्ड के सीएमडी सुरेश गर्ग ने बताया कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में पिछले दो साल में लग्जरी और अल्ट्रा लग्जरी का चलन तेजी से बढ़ा है क्योंकि यहां अभी भी रेडी टू मूव फ्लैट्स की कीमतें औसतन 8 से 16 हजार रुपये वर्गफीट की दर से मिल रहे हैं. जबकि मुंबई, बेंगलुरु समेत देश के अन्य शहरों में ये कीमतें इनसे दो गुना तक हैं. यही कारण है कि मांग लगातार बढ़ रही है.
डिलिजेंट बिल्डर्स के सीओओ ले.कर्नल (रि) अश्वनी नागपाल के अनुसार जिस तरह से पिछले कुछ समय में सरकार की नीतियां बेहतर हुई हैं, उनका सीधा लाभ रियल एस्टेट सेक्टर को मिल रहा है. को-डेवलपर पॉलिसी के चलते पुराने अटके प्रोजेक्ट्स फिर से बनने लगे हैं. इसके चलते बायर्स का विश्वास सेक्टर पर बढ़ा है. ऐसे में नए के साथ-साथ पुराने प्रोजेक्टस में भी लोग इन्वेस्ट कर रहे हैं. वहीं, रेनॉक्स ग्रुप क चेयरमैन शैलेंद्र शर्मा के अनुसार स्वामिह फंड के अलावा कई अन्य मॉडल से नोएडा- ग्रेटर नोएडा में ही एक दर्जन से ज्याद अटके हुए प्रोजेक्ट्स को रिवाइव किया गया है तथा नया प्रोजेक्ट भी लाया गया है. ऐसे में लोग न सिर्फ रिवाइव प्रोजेक्ट्स बल्कि नए प्रोजेक्ट्स भी निवेश बढ़ रहा हैं. लोगों का सबसे ज्यादा रुझान अल्ट्रा लग्जरी फ्लैटों की ओर है क्योंकि लोग अपने लिविंग स्टैंडर्ड को बेहतर बनाना चाहते हैं.